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लेखनी प्रतियोगिता -07-Sep-2022 ठंडी हवा का झोंका



शीर्षक = ठंडी हवा  का झोंका 



आज   सिंघल  भवन  को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा था। चारो और रंग बिरंगी लाइट्स और फूलो की माला टंगी हुयी थी ।

सजता भी क्यू नही आज अशोक सिंघल जो की एक जाने माने बिजनेसमैन है  और उनकी पत्नि रमा सिंघल  जो पहले तो उनके व्यवसाय में उनकी मदद करती थी किन्तु अब घर में ही बहु बेटों के साथ रहती थी । आज उनकी शादी की  25 वी सालगिरह थी ।


शाम हो चुकी थी पूरा घर मेहमानों से भर चुका था , उनकी वो हवेली रौशनी से जग मग हो रही थी  चारो और लोग उनकी पार्टी का आंनद ले रहे थे ।

रंग बिरंगे खाने  चल रहे थे , शहर के जाने माने लोग वहाँ मौजूद थे। सब लोग उन पति पत्नि को बधाई दे रहे थे  तब ही सामने से एक दो आदमी  कपडे से ढका कुछ ला रहे थे ।

पास आने पर जब उसे खोला गया तो वो एक बहुत ही खूबसूरत केक था । जिसे देख सब लोग हैरान ही हो गए थे  उस केक की बनावट बेहद ही खूबसूरत थी ।


इतना प्यारा केक देख रमा जी ने अपने पति की तरफ बहुत ही प्रेम से देखा मानो वो आँखों ही आँखों  से अपने पति का धन्यवाद कर रही हो।उनके पति ने भी उनकी तरफ प्यार से देखा और एक प्यारी सी मुस्कान दी।

थोड़ी देर बाद उस केक को काटने के लिए  रमा जी और उनके पति आगे आये  लेकिन तब ही वहाँ एक रिपोटर आ पहुंची और ज़िद्द करते हुए बोली " सर सबसे पहले तो मैं आप लोगो को आपकी शादी की सालगिरह की बधाई देती हूँ ईश्वर करे आप दोनों की जोड़ी यूं ही बनी रहे सालों साल तक, लेकिन सर केक काटने से पहले मैं आप से पूछना चाहती हूँ जैसा की हम सब जानते है  की आप इस शहर की जानी मानी शख्शियत है , आप एक सफल व्यक्ति है  जिसके पास सब कुछ है  पैसा, गाड़ी, व्यवसाय , भरा पूरा परिवार  जो की एक इंसान को सफल बनाती है  अपनी जिंदगी में, लेकिन हर इंसान की सफलता के पीछे  मेहनत के साथ  साथ  किसी ऐसी शख्शियत का हाथ अवश्य होता है  जो परदे के पीछे रहकर  उसकी कामयाबी का हिस्सा बनती है  फिर चाहे वो, माँ हो, पिता हो, भाई या बहन हो, कोई दोस्त हो या फिर उसकी पत्नि। तो सर  आपकी इस कामयाबी के पीछे किसका हाथ है  कृप्या हमें बताये अपने इस ख़ुशी के मोके पर  सब जानना चाहेंगे  "


उस रिपोर्टर की बात सुन कर वहाँ मौजूद सब लोगो ने अशोक सिंघल जी से जानने के लिए गुहार लगाना शुरू कर दी यहाँ तक की उनके खुद के परिवार वालो ने भी ।

जब एक साथ इतने लोगो ने जानने की इच्छा जताई तब अशोक जी भी खामोश ना बैठ सके और हाथ में माइक लेकर बोल पड़े  " आप लोगो को जानना है  मेरी सफलता के पीछे का राज़, तो मैं अवश्य बताऊंगा  क्यूंकि जैसा की इन साहिबा ने कहा था  की हर  सफल आदमी के पीछे किसी ना किसी का हाथ ज़रूर होता है  मेहनत के साथ साथ जो परदे के पीछे से अपना काम करता रहता है कभी सामने नही आता  लेकिन आज इस ख़ुशी के मोके पर  मैं बताना चाहूंगा की मेरी इस सफलता के पीछे  किसी और का नही मेरे परिवार वालो का हाथ  है ,

सबसे पहले मेरे माता पिता जो मुझे इस दुनिया में लाये और मुझे शिक्षा प्राप्त कराने के खातिर  ना जाने कौन कौन से कष्ट उन्होंने अपनी छाती पर लाधे और मुझे पढ़ा लिखा कर इस काबिल बनाया की मैं अपने पेरो पर खड़ा हो सका  उनका बहुत बहुत आभार  उसी के साथ साथ मेरे भाई बहन जो इस समय तो मेरे पास नही है  अपनी अपनी ज़िन्दगीयों में मगन से हो गए है  लेकिन फिर भी उन्होंने मुझे गिरने नही दिया कभी जब तक हम लोग साथ रहे फिर ना जाने कोनसी ऐसी रिश्तों के टूटने की आंधी चली जिसमे हम सब बहन भाई बिखर कर रह गए कोई कही चला गया तो कोई कही अपनी दुनिया बसा बैठा  लेकिन आज भी वो सब मेरे दिल में बसते है  क्यूंकि उन्ही की मार और प्यार पाकर ही मैं आज इस मक़ाम तक आ पंहुचा ।

उसी के साथ साथ एक शख्शियत  का नाम और लेना चाहूंगा, जो कहने को तो अनजान थी  किसी दूसरे घर से आयी  थी लेकिन मेरे साथ  अग्नि को साक्षी मान कर जो उसने फेरे लिए  और मेरे नाम का सिन्दूर और मंगलसूत्र पहन कर जो उसने वायदे किए थे  उसने वो वायदे कदम कदम पर निभाए । मैं तो कभी कभी लड़खड़ा जाता था किन्तु वो ही थी जिसने मुझे गिरने से बचाये रखा ।


वो कोई और नही मेरी प्रिय धर्मपत्नि रमा  है  जो मेरी जिंदगी में हवा के ठन्डे झोंके की तरह आयी  जिसके आने के बाद मेरी जिंदगी बदलने लगी थी । जिसने कदम कदम पर मेरा साथ एक सच्चे और अच्छे जीवन साथी की तरह दिया जो कहने को तो ज्यादा पढ़ी लिखी नही थी लेकिन अपने पति का साथ किस परिस्थिति में कैसे देना है  इस बात का ज्ञान उसे बखूबी था ।


रमा मैं आज तक जो तुमसे कभी अकेले में ना कह सका वो आज सबके सामने अपनी शादी की इस 25 वी सालगिरह पर कहता हूँ, तुम्हारा शुक्रिया मेरी जिंदगी में आने के लिए  और मुझे इस शहर का सबसे धनवान व्यक्ति बनाने के लिए  क्यूंकि वो तुम ही थी जिसने उस हादसे को भुलाने में मेरी मदद की ये अशोक सिंघल तो कब का मर खब जाता किसी ट्रैन के नीचे  आकर  और उसके बीवी बच्चें आज ना जाने कहाँ दर दर की ठोकरे खा रहे होते क्यूंकि उस रात जब मेरा बिज़नेस पार्टनर जिसके ऊपर मुझे बहुत भरोसा था  और उसी भरोसे का फायदा उठा कर  उसने मेरे सारे पैसे एक ऐसी जगह लगवा दिए जहाँ एक रूपये का भी फायदा हाथ नही लगना था  और भाग गया  मुझे मेरे पैसे वापस लोटाये।


उस रात जो तूफान मेरी जिंदगी में आया था  जो सब कुछ तबह कर के चला गया था  जिसके बाद मरने के सिवा कोई और दूसरा रास्ता नही था  क्यूंकि कुछ दिन में कर्जदार अपना पैसा मांगने आ जाते जिनसे मैने वायदा किया था  जल्द पैसा लोटाने का और मेरे पास एक रुपया  तक़ नही था  तब ऐसी परिस्थिति में मेरी पत्नि रमा ही थी जो मेरी जिंदगी में आये तूफान का सामना एक ठंडी हवा का झोका बन कर रही थी । उसी ने मुझे समझाया  बुझाया  की ऐसी परिस्थिति तो जिंदगी में आती ही रहती है  लेकिन उनसे मुँह मोड़ कर खुद को मौत के घाट उतार देना तो कोई बहादुरी नही होता ये तो कायरो का काम है  और आप कायर नही है   जबकी उस परिस्थिति का डट कर बहादुरी से सामना करना ही असल बहादुरी कहलाता। और आप एक बहादुर इंसान है  क्या हुआ जो हमारा अभी बुरा वक़्त आ गया है  देखना हम दोनों का साथ कैसे इस बुरे वक़्त की परछाई को हमारे जीवन से हटाता है ।


रमा की कही बातें उस समय मुझ जख़्मी इंसान के लिए मरहम साबित हुयी, जिस समय इंसान को अपने परिवार की सबसे ज्यादा जरूरत हो और वो उसे मिल जाए तो फिर उससे ज्यादा ताकतवर इंसान कोई दूसरा नही और ये बात मेरी पत्नि रमा ने साबित कर दी उसके बाद हम दोनों ने दोबारा से एक नयी शुरुआत की रमा जिसे टेक्सटाइल के व्यवसाय के बारे में जरा सा भी ज्ञान नही था लेकिन मेरे खातिर उसने अपने आप को इस व्यवसाय को सीखने में लगा दिया कहते है ना जब इंसान किसी चीज को करने की सोचता है  तो उसे करने का हौसला उसे ईश्वर अपने आप देता है  यही हम दोनों के साथ हुआ। कई सालों की कड़ी मेहनत और एक दूसरे के साथ के साथ  ये सिंघल टेक्सटाइल ग्रुप ऑफ़ कम्पनीज वजूद में आयी  जिस तूफान के सामने रमा एक ठंडी हवा का झोका बन कर खड़ी हुयी थी आखिर कार उसने तूफान पर विजय पा ली थी । बस यही राज है  सिर्फ मेरी नही हमारी सफलता का, अशोक जी ने अपनी पत्नि को प्यार से अपने सीने से लगाते हुए कहा।

सब लोग उनके साथ  और  अटूट  विश्वास को देख कर तालिया बजा रहे थे  थोड़ी देर बाद केक काटा गया और सबने तालिया बजा कर उनके इस 25 साला सफऱ की बधाई दी। वो दोनों बेहद खुश थे 


प्रतियोगिता हेतु लिखी कहानी  

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18 Comments

Mithi . S

10-Sep-2022 05:48 AM

बेहतरीन

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Priyanka Rani

08-Sep-2022 10:07 PM

Very nice

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Pallavi

08-Sep-2022 09:40 PM

Interesting story

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